Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

महिमभट्ट

महिमभट्ट की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

जब कवि का चित्त रसानुकूल शब्द-अर्थ के चिंतन में एकाग्र हो जाता है, उस समय क्षण भर के लिए पदार्थ के वास्तविक स्वरूप का स्पर्श करते हुए उसकी जो प्रज्ञा स्फुरित होती है, उसी का नाम प्रतिभा है।

  • शेयर
 

Recitation