नाटककार 'अश्क'
उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ के नाटकों का रचना-काल सन् 1938 से प्रारंभ होता है, जब द्विजेंद्र लाल राय और प्रसाद की शैली में जय-पराजय की रचना हई। 1938 में उनके एकांकी ‘लक्ष्मी का स्वागत’ और ‘अधिकार का रक्षक’ छपे। ‘पापी’ और ‘वेश्या’ इनसे पहले लिखे गए थे, पर छपे बाद