मेरा साहित्यिक जीवन
हिंदीभाषी जनता मुझे लेखक के रूप में दो वर्षों से जानती है और संपादक के रूप में केवल चार महीनों से; परंतु हिंदी-साहित्य से मेरा संबंध बहुत पुराना है। उस बात को आज लगभग अठारह वर्ष व्यतीत हो गए। इन अठारह वर्षों में मैंने साहित्य की कुछ अधिक सेवा नहीं की,