अपना रास्ता लो बाबा
जिस समय देवनाथ मेवालाल की पान की दुकान पर ‘विल्स फ़िल्टर्ड’ का पैकेट ख़रीद रहे थे उसी समय बग़लवाली दुकान से एक आवाज़ सुनाई पड़ी जो उस गली का नाम पूछ रही थी, जिसमें वे रहते थे।
हालाँकि उस गली में अकेले वही नहीं रहते थे, सैंकड़ों लोग रहते थे, पूछने