कन्हैयालाल सहल के निबंध
सच्चा निबंध किसे कहें?
भोजन के बाद सोफा पर बैठकर सिगरेट के कश खींचते हुए जैसे कोई ज़िंदादिल मज़ेदार अनुभवी व्यक्ति अपने मनोरंजक अनुभव सुना रहा हो—कुछ-कुछ इसी तरह का है सच्चे निबंध का वातावरण। इसीलिए निबंध को ‘किसी मज़ेदार और बहुश्रुत व्यक्ति के भोजनोत्तर एकांत संभाषण’ की संज्ञा