आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "club Kain maesi jbl chinn y na kn kahilu tu"
Kavita के संबंधित परिणाम "club Kain maesi jbl chinn y na kn kahilu tu"
मैंने कहा, तू कौन है? उसने कहा, आवारगी*
न पैसा न दमड़ी, न किताब, न कविताजब मरूँगा, छाती से बाँध के ले जाऊँगा ये अपनी आवारगी।
गीत चतुर्वेदी
तू ज़िंदा है तो...
तू आ मेरा सिंगार कर तू आ मुझे हसीन कर।अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।
शंकर शैलेंद्र
सबकै माई तू
सिवसंकर के जटाजूट से भागि परानू तू,छोट बड़ा औ ऊँचनीच कुछ कभौं न मानू तू।
आद्या प्रसाद 'उन्मत्त'
केन ने कछारों के स्वेटर, ज्यों बुन दिए
केन ने कछारों के स्वेटर, ज्यों बुन दिएसरसों के बीच फूल अलसी के चुन दिए
कृष्ण मुरारी पहारिया
मिले न उससे किसी रोज़ तो
मिलें न उससे किसी रोज़ तो ये लगता है,कि चार दिन की, ज़िंदगी का क्या किया जाए।
दिनेश कुशवाह
कभी न लौटेंगे वे सपने
मैंने तुझे पुकारा, आई किंतु न तू फिर लौट,तू न हुई विचलित, मैंने थे बहुत बहाए अश्रु।
अलेक्सांद्र ब्लोक
तू स्पंदन है मेंरे उर का...
तू स्पंदन है मेंरे उर का, तू श्वासों का अनुगुंजन है।आलंबन है तू जीवन का, मैं सीता तू रघुनंदन है॥