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तुष्टि पुष्टि तासों रहे
तुष्टि पुष्टि तासों रहे, जरा न व्यापै रोग।बाल-अवस्था, जुवा पुनि, तिनको करै न भोग॥
भगवत रसिक
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केदारनाथ अग्रवाल का रामविलास शर्मा के नाम पत्र
केदारनाथ अग्रवाल
अपने विचारों की पुष्टि के लिए
रसूल हमज़ातोव
अमृतसर आ गया है...
भीष्म साहनी
राजस्थानी लोकगीत : पीपली
म्हारै आंगण पीपल रो पेड़ झड़-झड़ पीपल झड़ पड़ै।सुसराजी ल्याया छैं बीण, पीपल पीवो म्हारी कुल बऊ॥
सिंह मांहिं है सिंह
सिंह मांहिं है सिंह सौ, स्याल मांहिं पुनि स्याल।जैसी घट उनहार है, सुन्दर तैसौ ख्याल॥
सुंदरदास
राजस्थानी लोकगीत : रामदेवजी
कोठे तो बाज्या ओ अजमलजी रा छावा बाजिया।वारी जाउँ, कोठे तो घुर्या छै निसाण,
राजस्थानी लोकगीत : घोड़ी
घोडी पग मोड़े झांझर बाजे।घोड़ी गई ओ जोसीड़ारी हाट, वारी जाऊँ ओ नारायणगढ़ रो सेवरो।
राजस्थानी लोकगीत : नारंगी
माली का रे खिड़की खोल भंवर उभा बारणै।आओ कँवरां बैठो नी पास, कांई तो कारण आया?