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आवाज़ें-30
अंतोनियो पोर्चिया
वर्टिकल पोएट्री : लास्ट पोएम्ज़-30
दूर से आते हुए थकान के जालकई बार हमारी पहले से बुरी तरह हारी हुई देह की असफलता में जोड़ दिए जाते हैं
रोबेर्तो ख्वार्रोस
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ई मन चंचल ई मन चोर
ई मन चंचल ई मन चोर, ई मन शुद्ध ठगहार।मन-मन करते सुर-नर मुनि जहँड़े, मन के लक्ष दुवार॥
कबीर
गजबै ई गाँव-समाज अहय?
ई का जानइ की बूढ़ पुरनियन कै कइसे सम्मान करी।ई का जानइ कि ई गलती इनकै केतना नुसकान करी।
अनुज नागेंद्र
अलेक्ज़ेण्ड्रिया में : 31 ई. पू.
अभी-अभी शहर के पास वाले गाँव से आयारास्ते की धूल में सना-सनाया,
सी. पी. कवाफ़ी
ई जगत जाल सें निरबारौ
ई जगत जाल सें निरबारौ, महाराज कृपाकर मोय तारौ।मूसरधार परी बृज ऊपर, गोबरधन नख पै धारौ।