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वेदव्यास के उद्धरण

वृद्धावस्था रूप का, आशा धैर्य का, मृत्यु प्राणों का, दूसरों में दोष दृष्टि धर्माचरण का, काम लज्जा का, नीच पुरुषों की सेवा सदाचार का, क्रोध लक्ष्मी का और अभिमान सर्वस्व का ही नाश कर देता है।