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श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

उसके सिर पर तीन चोंटे थीं और तीनों से अलग-अलग दिशाओं में ख़ून बहकर दिखा रहा था कि यह एक तरह का ख़ून भी आपस में मिलना पसंद नहीं करता।