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श्रीहर्ष के उद्धरण

तर्क की प्रकृति अस्थिर होने के कारण क्या ऐसा मत है जो आपस में एक दूसरे के विरुद्ध होकर शक्ति में समान होने से सत्प्रतिपक्ष के समान, अप्रामाणिक न हो?

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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