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महात्मा गांधी के उद्धरण

स्त्री अपनी इच्छा के विरुद्ध पति की कामवासना तृप्त करने को मजबूर नहीं है, ऐसा करने वाला पति—व्यभिचारी के समान ही दोष करता है।