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वेदव्यास के उद्धरण

शरीर की उत्पत्ति के कारणरूप इन तीनों गुणों का उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुःखों से युक्त हुआ जीवात्मा परमानंद को प्राप्त होता है।