महात्मा गांधी के उद्धरण

सामुदायिक प्रार्थना की जड़ वैयक्तिक प्रार्थना ही हो सकती है। सामुदायिक प्रार्थना पर मैंने वज़न दिया है, उसका यह अर्थ कभी नहीं है कि वह वैयक्तिक प्रार्थना से अधिक महत्त्व रखती है।
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