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वेदव्यास के उद्धरण

पुत्र असमर्थ हो या समर्थ, दुर्बल हो या हृष्ट-पुष्ट, माता उसका पालन करती ही है। माता के सिवा कोई दूसरा विधिपूर्वक पुत्र का पालन नहीं कर सकता।