Font by Mehr Nastaliq Web

हजारीप्रसाद द्विवेदी के उद्धरण

पुरुष स्त्री को शक्ति समझकर ही पूर्ण हो सकता है; पर स्त्री स्त्री की शक्ति समझकर अधूरी रह जाती है।