हरिशंकर परसाई के उद्धरण
फूल की मार बुरी होती है। शेर को अगर किसी तरह एक फूलमाला पहना दो तो गोली चलाने की ज़रूरत नहीं है। वह फ़ौरन हाथ जोड़कर कहेगा—मेरे योग्य कोई और सेवा।
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