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चाणक्य के उद्धरण

पतित पुरुष के साथ यजन, अध्ययन और विवाह आदि संबंध करता हुआ एक पुरुष वर्ष में स्वयं पतित हो जाता है। फिर उसके साथ व्यवहार करने वाले अन्य पुरुष भी इसी प्रकार पतित हो जाते हैं।