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महात्मा गांधी के उद्धरण

पशुबल अस्थायी है और अध्यात्मबल या आत्मबल या चैतन्यवाद एक शाश्वत बल है। वह हमेशा रहने वाला है, क्योंकि वह सत्य है। जड़वाद तो एक निकम्मी चीज है।