Font by Mehr Nastaliq Web

महात्मा गांधी के उद्धरण

परिश्रम के बिना जो पदार्थ नहीं उपजते और जिनके बिना जीवन निभ नहीं सकता, उनके लिए शारीरिक श्रम किए बिना उनका उपभोग करें तो जगत के प्रति हम चोर ठहरते हैं।