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अशफ़ाक़ उल्लाह ख़ाँ के उद्धरण

न कोई इंगलिश न कोई जर्मन न कोई रशियन न कोई टर्की, मिटाने वाले हैं अपने हिंदी जो आज हमको मिटा रहे हैं।

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