रामधारी सिंह दिनकर के उद्धरण

मूल्य व्यक्तियों के बनाए नहीं बनते। उनका निर्माण सारा समाज करता है। सबकी राह प्रत्येक तक जाने की राह है, और प्रत्येक को राह सब तक पहुँचने की राह।
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