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महात्मा गांधी के उद्धरण

मुझे सत्य का मार्ग मालूम है। वह कठिन और तंग है। वह तलवार धार की तरह दुर्गम है। मुझे उस पर चलने में मज़ा आता है। जब मैं फिसल जाता हूँ तो रोता हूँ।

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