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राममनोहर लोहिया के उद्धरण

मेरी पीढ़ी के लोगों के लिए गांधी जी कल्पना थे, जवाहरलाल जी कामना और नेताजी सुभाष कर्म। कल्पना सर्वथा द्रष्टा रहेगी, तथापि विस्तार में उसके कुछ अपने दोष थे, पर उसकी कीर्ति, मैं आशा करता हूँ कि समय के साथ चमकेगी। कामना कड़वी हो गई है और कर्म अपूर्ण रहा।