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प्रेमचंद के उद्धरण

मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन जिनसे मतभेद हो, उन्हें नीच न समझिए। जिसे आप नीचा समझेंगे, वह आपकी पूज‍ा न करेगा।