जयशंकर प्रसाद के उद्धरण

मर्यादा? भाग्य ने झुकने के लिए जिन्हें परवश कर दिया है, उन लोगों के मन में मर्यादा का ध्यान और भी अधिक रहता है यह उनकी दयनीय दशा है।
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