Font by Mehr Nastaliq Web

रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरण

मनुष्य में द्विजत्व होता है—मनुष्य एक बार गर्भ में जन्म लेता है, दुबारा जन्म लेता है मुक्त पृथ्वी पर।

अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी