मैंने कितनी ही बार सोचा है कि क्या व्यक्तियों से सम्बन्ध बनाना संभव है जब किसी के मन में किसी के लिए भी कोई भावना न रही हो; अपने माता पिता के लिए भी नहीं। अगर किसी को कभी भी गहराई से प्यार नहीं किया गया तो क्या उसके लिए सामूहिकता में रहना संभव है? क्या इन सब का मेरे जैसे युद्धप्रिय के ऊपर कोई प्रभाव नहीं रहा? क्या इस सब से मैं और बंध्य नहीं हुआ ? क्या इन सब से एक क्रांतिकारी के रूप में मेरी गुणवत्ता कम नहीं हुई ? मैं, जिसने हर चीज को बौद्धिकता और शुद्ध गणित के पैमाने पर रख दिया।