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हान कांग के उद्धरण

मैंने ख़ुद को कभी यह नहीं भूलने दिया कि मैं जिस भी व्यक्ति से मिलती हूँ, वह इस मानव-जाति का सदस्य है।

अनुवाद : सरिता शर्मा