ज्याँ-पाॅल सार्त्र के उद्धरण

मैं मेरे विचार हूँ: इसलिए मेरा रुकना संभव नहीं है। मेरा अस्तित्व मेरे विचारों से है और मैं ख़ुद को सोचने से नहीं रोक सकता। इस क्षण में - यह भयावह है - अगर मैं अस्तित्व में हूँ तो इसका कारण यह है कि मैं अपने अस्तित्व से भयभीत हूँ। मैं ही हूँ जो ख़ुद को उस शून्यता से खींचता हूँ जिसकी मैं आकांक्षा करता हूँ।
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