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जॉर्ज सैंड के उद्धरण

मैं जो बूढ़ी औरत बनूँगी, वह उस औरत से बिल्कुल अलग होगी जो मैं अब हूँ। उस बूढ़ी औरत की शुरुआत हो रही है।

अनुवाद : सरिता शर्मा