अंतोनियो ग्राम्शी के उद्धरण

मैं एक ज़िन्दा आदमी हूँ। मैं किसी एक पक्ष में रहता हूँ। इसलिए मुझे उनसे नफ़रत है जो किसी पक्ष में नहीं रहते ; मुझे उनसे नफ़रत है जिन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता"
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