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चक पैलनिक के उद्धरण

लोग प्यार में पड़ जाते हैं अपने दुखों के, पीछे नहीं छोड़ पाते—बिल्कुल अपनी सुनाई कहानियों की तरह… हम ख़ुद अपने बंदी हैं।

अनुवाद : निशांत कौशिक