शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उद्धरण

क्या यह सच है कि प्रेम अंधा है? यदि हाँ, तो देखो अंधा आदमी गढ़े में गिर जाता है तो लोग दौड़कर उसे निकाल लेते हैं—उसके लिए दुःख करते हैं। लेकिन प्रेम से अंधा होकर वही आदमी जब नीचे गिर जाता है, तब कोई हाथ पकड़कर उसे उठाने को नहीं दौड़ता—यह क्यों? जिस सत्य का मनुष्य है, प्रयोजन के समय वह उस सत्य की कोई मर्यादा नहीं मानता।
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