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बानू मुश्ताक़ के उद्धरण

कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती। मानवीय अनुभव के ताने-बाने में, हर तंतु सम्पूर्णता का भार रखता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा