Font by Mehr Nastaliq Web

वाल्मीकि के उद्धरण

किसी के साथ अत्यंत प्रेम न करो और प्रेम का सर्वथा अभाव भी न होने दो, क्योंकि ये दोनों ही महान दोष हैं है। अतः मध्यम स्थिति पर ही दृष्टि रखो।