Font by Mehr Nastaliq Web

श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

किसी गुंडे पर मुक़दमा चल रहा हो तो ग्रामीण भाइयों की यह स्वभाविक इच्छा होती है कि वे शहर घूम आएँ और कचहरी देख लें। गुंडे को अपमानित होते देखकर उन्हें हार्दिक सुख मिलता है और गुंडे को भी—देखो! गाँव के कितने आदमी मेरी मदद के लिए आए हैं—ऐसा समझकर हार्दिक सुख मिलता है।