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वेदव्यास के उद्धरण

खोटी बुद्धि वाले मनुष्यों के लिए जिसे त्यागना अत्यंत कठिन है, जो शरीर के जरा-जीर्ण हो जाने पर भी स्वयं जीणं नहीं होती तथा जिसे प्राणनाशक रोग बताया गया है, उस तृष्णा को जो त्याग देता है, उसी को सुख मिलता है।