Font by Mehr Nastaliq Web

लल्लेश्वरी के उद्धरण

खान-पान के अतिरेक से किसी उद्देश्य को नहीं पाएगा और निराहार बनकर अहंकारी बन जाएगा। भोजन युक्त हो (न कम, न अधिक) उसी से समरसता रहेगी। समरसतायुक्त आहार-विहार से ही बंद द्वार खुल जाएँगे।