Font by Mehr Nastaliq Web

भालचंद्र नेमाडे के उद्धरण

केवल साहित्यिक परिवेश से जन्मा विद्रोह हो तो वह सच्चा विद्रोह नहीं होता।

अनुवाद : सूर्यनारायण रणसुभे