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शूद्रक के उद्धरण

जुए से ही मैंने धन और जुए के ही प्रभाव से स्त्री तथा मित्र उपलब्ध किए हैं। इसी प्रकार जुए से ही किसी को कुछ दिया है तथा उपभोग भी किया है और जुए से ही मैंने अपना सर्वनाश भी कर डाला है।