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रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरण

जो सुखकर हैं उन्हें प्रणाम करो और जो दु:खकर हैं उन्हें भी प्रणाम करो, ऐसा होने पर ही तुम स्वास्थ्य लाभ करोगे, शक्ति लाभ करोगे—जो शिव हैं, जो शिवकर हैं, उन्हें ही प्रणाम करना होगा।

अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी