यू. आर. अनंतमूर्ति के उद्धरण
जो सत्य को ही भगवान' मानता है उस व्यक्ति को निरंतर शौधात्मक मन: स्थिति रखनी पड़ती है। उसके लिए केवल अपने पूर्वजों से प्राप्त शास्त्र ही प्रयाप्त नहीं होता।
-
संबंधित विषय : सच