जो लोग फ़ारसी के शब्दों को इस्लामी संस्कृति का अभिन्न अंग समझकर अपनी भाषा में सजाते हैं, वे अक्सर अनजान में क़ाफ़िर शब्दों को ही यह सम्मान देते हैं। जब वे हफ़्ते को उच्च शब्द और सप्त या सात को नीच शब्द समझते हैं तब वे यह सिद्ध करते हैं कि वे इस्लाम नहीं, ईरानी संस्कृति के ग़ुलाम हैं।