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मनोहर श्याम जोशी के उद्धरण

जीवन में क्या-क्या नहीं होता, यह जानते-समझते जिज्ञासुओं का पूरा जीवन बीत जाता है। विविध है, विचित्र है, मायावी है जीवन।