अशदीन डॉक्टर के उद्धरण

जिस तरह आईने के आविष्कार ने हमारे शारीरिक स्वरूप को बदल दिया, उसी तरह प्रतिबिंब या अपने अंदर झाँकने की यह आदत हमारे मानसिक स्वरूप को बदल सकती है।
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