सुरेंद्र वर्मा के उद्धरण

जिन प्राणियों की जीवन-शैली स्निग्ध और धवल होती है, उन्हीं के जीवन में कविता होती है। हमारा जीवन शुष्क और मलिन है। हम उस कोटि को छू भी नहीं सकते।
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