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गंगाधर मेहेर के उद्धरण

जननी का स्नेह, पत्नी का प्रेम, ज्ञानी मित्रों का आलाप और पिता का स्नेह एक-एक झरने के समान जीवन के एक-एक ताप का विनाश कर रहा है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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