वासुदेवशरण अग्रवाल के उद्धरण

जहाँ कहीं, किसी क्षेत्र में भी लोक को सर्वोपरि सच्ची प्रतिष्ठा मिलती है, वहीं से जीवन की स्वस्थ बेल का पहला अंकुर फुटाव लेता है।
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