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शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उद्धरण

इस पृथ्वी पर एक ख़ास तरह के आदमी हैं जो मानों फूस की आग हैं। वे झट से जल भी उठते हैं और फिर चटपट बुझ भी जाते हैं। उन लोगों के पीछे सदा-सर्वदा एक आदमी रहना चाहिए जो आवश्यकता के अनुसार उनके लिए फूस जुटा सके।